Tuesday 13 September 2011

Kahe Ko Byahe Videsh-Amir Khusro

काहे को ब्याहे बिदेस,
अरे
, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस
भैया को दियो बाबुल महले दो-महले
हमको दियो परदेस अरे, लखिय बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस
हम तो बाबुल तोरे खूँटे की गैयाँ
जित हाँके हँक जैहें अरे, लखिय बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियाँ
घर-घर माँगे हैं जैहें अरे, लखिय बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

कोठे तले से पलकिया जो निकली
बीरन ने खाए पछाड़ अरे, लखिय बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

हम तो हैं बाबुल तोरे पिंजरे की चिड़ियाँ
भोर भये उड़ जैहें अरे, लखिय बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

तारों भरी मैनें गुड़िया जो छोड़ी  
छूटा सहेली का साथ अरे, लखिय बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

डोली का पर्दा उठा के जो देखा
आया पिया का देस अरे, लखिय बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

अरे, लखिय बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस अरे, लखिय बाबुल मोरे

संकलन-गोपाल रावत
14, सितंबर-2011

KARMVEER-AYDHYA SINGH UPADHYAY HARIODH

कर्मवीर

देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं
रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं
काम कितना ही कठिन हो किन्तु उबताते नहीं
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं
हो गये एक आन में उनके बुरे दिन भी भले
सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले फले ।

आज करना है जिसे करते उसे हैं आज ही
सोचते कहते हैं जो कुछ कर दिखाते हैं वही
मानते जो भी हैं सुनते हैं सदा सबकी कही
जो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही
भूल कर वे दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं
कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं ।

जो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहीं
काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं
आज कल करते हुये जो दिन गंवाते हैं नहीं
यत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहीं
बात है वह कौन जो होती नहीं उनके लिये
वे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिये ।

व्योम को छूते हुये दुर्गम पहाड़ों के शिखर
वे घने जंगल जहां रहता है तम आठों पहर
गर्जते जल-राशि की उठती हुयी ऊँची लहर
आग की भयदायिनी फैली दिशाओं में लपट
ये कंपा सकती कभी जिसके कलेजे को नहीं
भूलकर भी वह नहीं नाकाम रहता है कहीं ।



संकलन- गोपाल रावत -सितंबर-14-2011

पायलट अन्ना हजारे जी !! एक बार कपिल सिब्बल, चिदंबरम और दिग्विजय सिंह एक साथ हेलिकॉप्टर में जा रहे थे। सिब्बल ने एक 100 रुपये का नोट गिराया और कहा कि मैंने आज एक गरीब भारतीय को खुश कर दिया।


एक बार कपिल सिब्बल, चिदंबरम और दिग्विजय सिंह एक साथ हेलिकॉप्टर में जा रहे थे। सिब्बल ने एक 100 रुपये का नोट गिराया और कहा कि मैंने आज एक गरीब भारतीय को खुश कर दिया।
तभी दिग्विजय सिंह ने 100 रुपये के 2 नोट गिराए और कहा, मैंने तो 2 गरीब भारतीयों को खुश कर दिया।
अब चिदंबरम की बारी थी। उन्होंने एक रुपये के 100 सिक्के गिराए और कहा, मैंने 100 गरीब भारतीयों को खुश कर दिया।
उनकी ये बातें सुनकर पायलट हंसा और बोला -  ”अब मैं तुम तीनों को गिराने जा रहा हूँ, 125 करोड़ भारतीयों को खुशी मिलेगी।” 

पायलट अन्ना हजारे थे।